चल दोसत शुरू करेँ नई रीत कोई
कायम कर दें मधुर सी प्रीत कोई
सुबह उठते ही उनकी याद हो
बाकी के सारे काम उसके बाद हों
हिम्मंत दोनों को मिलेगी इस रिश्ते से
सथापित कर दिए हैं मन मंदिर में मीत कोई
मिलना नसीब हो जा पड़े दूर रहना
ख़यालों में हम साथ साथ है यही कहना
जब भी सुनें आतमा को आराम मिले
चुन कर और रट लो ऐसा गीत कोई
मुशकिलों से डरना मत दोसत
खुद पर सदा विशवास रखना
लगाते रहना सुरों को तरतीब में
बन ही जाएगा एक दिन संगीत कोई
उम्र कुछ इस तरह से गुज़र रही है
तेरी आवाज़ , तेरे दीदार को तरसे हैं
हम वोह बादल हैं, जो यादों में ही बरसे हैं
मिलने का वादा ही तो नहीं कीया उन्होंने
कितनी वार हम निकले घर से हैं
ज़िन्दगी कमबख्त जीने कहाँ देती है
ना अम्रित ना ज़हर कुछ पीने कहाँ देती है
एक को खुश करने के लिए
Or
खुद को खुश करने के लिए
दूसरे को दुःख देना अच्छी बात थोड़े है।
ज्ञान को रौशनी में सभी में एक जोत दिखेगी
भगवान सिर्फ एक में है यह कोई रात थोड़े है।
उपलभ्दीओं के लिए दोसतों को ही छोड़ दें
फिर तो अभी रात में जीअ रहे हैं प्रभात थोड़े है।
जिस को पाने से उदासी ख़ुशी ना बन जाए
वोह पदारथ होगा सौगात थोड़ी है।
रोक रखे थे सालों से दिन रात के पहिये
अपनी छाती पर यह कोई आसान बात थोड़े है।
दोसती कितनी गहरी है आप जानो
हमारे लिए कोई टाइम पास थोड़े है
फिर से रुलाना चाहे कमबख्त हमे
कुछ ना बचा जीने को ज़माने ने
कितना मज़ा आ रहा था मुस्कुराने में
जो भी दीया है बहुत दीया आगे अब क्या लेना देख सकूं उस पार तुमको ऐसे नयन मुझे देना जीना मरना जो भी भगवन तुमरे प्यार से हो
कुछ तो है पवित्र तेरे मेरे रिश्ते में जो बड़ी गलतिओं को भी माफ़ करता है।
जब कोई धूल आती है मन के पर्दे पर आंसुओं से फिर उसे साफ़ करता है।
वड़े वड़े जुर्म की देता है हसीन सज़ा देखो यह कैसा इनसाफ करता है।
ख़ुशी हो तो बोले यह रख लो सारी ग़म हो तो यह हाफ हाफ (half ) करता है।
हर हालात में साथ चलना चाहे यह फायदे नुकसान को कब यह ग्राफ (Graph )करता है।
दोसतो से बातें
अगर एक पुराने दोसत को उसकी दोसती का मान देता हूँ
इसका अर्थ यह तो नहीं नए दोसतों को कर परेशान देतां हूँ
जब बात एक रिश्ते की हो निरंतर बात करो बना ही लोगे मन चाहा स्थान यही बयान देता हूँ
किसी मज़बूरी में मुझे ख़त मत लिखना - हाँ
दिल अगर चाहे तो दिल खोहल कर लिखना
बाँट होकर हिस्सों में जीया ना जाएगा
जो भी लिखना दीवारें तोड़ कर लिखना
बातचीत टूटने से टूट जाएँ रिश्ते
अगर कोई शिकवा है बोल कर लिखना
विचारों से सहमत होना अलग बात है
मेरे कया गुनाह पूरा तोल कर लिखना
ग़लती कया हुई यह तो बता दो
जनमो का लेखा फरोल के लिखना
मेरी कविता तो साफ़ और सरल है
तुम्हें कया दुःख है दिल फ़ोल कर लिखना
दुसरे के हालात तो उसी को पता होते हैं
तुम्हारे कया हालात हैं हस बोल कर लिखना
जो भी लिखा है महसूस भी कीया मैने
तुम भी पूरा अडोल हो कर लिखना
दोसत तो इतना सीधा इनसान है
अनजाने में क्या कर बैठा ज़रा बोल के लिखना
दुनिआं की बातों से अपनी सिहत
खराब मत करना यारो
यह जो भी कहते हैं
बे-बजाह कहते हैं
सभ को बर्बाद करे जो
उसको तो सलाम करते हैं
आबाद करे दूसरों को
उसे तबाह कहते हैं
जिसम की भूख़ मिटाने को
मिलेंगे सौ इंतज़ाम इस मंडी में
सच्चे प्यार को हमेशा
यह गुनाह कहते हैं
ज़िंदगी को जीने की इजाजत ही नहीं
इस दुनिया में
मरने के बाद जो बचता है
उसे तो बस सवाह कहते हैं
कौन वस गया है मेरे मन में
मुझे भीतर से बदलते जा रहा है
देखो इस ने मेरे घमण्ड की सारी दीवारें तोड़ डाली
अब सूर्य की रौशनी दिल तक पहुंचने लगी है
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल लिख रहा हूँ
"कविता" को देख कर आज कल लिख रहा हूँ
Dushant Kumar
मेरे गीत तुम्हारे पास ,सहारा पाने आएंगे
मेरे बाद तुम्हे यह , मेरी याद दिलाने आएंगे।
थोड़ी आंच बनी रहने दो, थोड़ा धुआँ निकलने दो
कल देखोगी कई मुसफिर ,इसी बहाने आएंगे।
उन का क्या मालूम ,इस शख्स पर क्या बीती
वोह तो यहां संख सिपिआं उठाने आएंगे।
रह रह कर चुभती है , पथ की निरजन दुपहर
आगे और बड़े तो शायद , दृश्य सुहाने आएंगे।
मेले में भटके होते, तो कोई घर पहुंचा जाता
हम घर में भटके है ,कैसे ठोर ठिकाने आएंगे।
मित्र प्यारे नू हाल मुरीदा दा कहना
Convey to the beloved friend(Lord) the condition of the disciple
तुध बिन रोग रजाईआं दा ओड़न नाग निवासं दा रहना
without you, the taking over of quilt is like disease and living with serpents
सूल सुराही खंजर प्याला बिंग कसाईआं दा सहना
Without you the flask is like the spike, a cup is like a dagger, separation is like a chopper of the butcher
यारडे दा सानू सथर चंगा भठ खेड़िआं दा रहना
The pallet of the beloved friend is most pleasing, the worldly pleasures are like a furnace
घर बैठा रहता हूँ , तो भी इसी आस में
के वोह मिलने आएंगे
बाहर जाता हूँ तो भी इसी आस में जाता हूँ
को शायद वोह मिल जाएँ
सुबह उठता हूँ तो भी इसी आस में
शायद आज वोह मिलें
सोता हूँ तो भी इसी आस में
के कल जरूर मुलाकात होगी
खाता हूँ तो भी इसी लिए
के उनके मिलने तक ज़िन्दा रहूँ
Don’t make me stand in front of enlightened mirror
Please don’t kill this dirty mind criminal in this way.
Full moon, flower, and vibrating wires of guitar
so many arms shining in front of my eyes one after another.
So heavy on heart your soft memories
Stones can not pick the weight of flowers anymore.
Thousands songs will liberate and fly in air
if a sword of light cut into my heart.
Under the stone sprouting seed is suffering
When spring comes it cracked the stone and grow.
The weight of dead butterfly is different
on the earth, on a flower and a poet’s heart.
Rising moon, waves of ocean, vibrating musical instrument and your memories
I automatically join in when these four things comes together.
lying under the sky they sleep while reading
the blue starry newspaper prints everyday in the sky.
-- Dr. Surjit Patar